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मदर टेरेसा जी की 109 वी जयंती |

आज ना केवल हमारे देश में बल्कि पुरे विश्व में मदर टेरेसा जी का 109वी जयंती पुरे खुशियों के साथ मनाया जा रहा है |

मदर टेरेसा जी ने अपने सम्पूर्ण जीवन को गरीबो , भूखों, असहियोगियो ,दिन -दुखियों के मदद करने में अपने आप को हमेशा खुश पाती थी |आज के दिन इनका जन्म हुआ था , इन्होने अपना सम्पूर्ण जीवन समाज की सेवा के लिए लुटा दि ,इन्हें ना केवल हमारे देश में बल्कि सम्पूर्ण दुनिया में शांति और सदभावना के लिए जाना जाता है |

आज के इस खुशी के मोके पर आईये जानते है इनसे जूरी खाश बाते –

जीवन परिचय – मदर टेरेसा जी का जन्म 26 August 1910 को युगोस्लाविया के स्कोप्जे शहर में अल्बेनियाई परीवार में हुआ था तब इनका नाम अगनेस गोंजा बोयाजिजू रखा गया. ये रोमन कैथोलिक नन धर्म की थी | उनके पिता जी का नाम निकोला बोयाजू, जो एक व्यवसायी थे – इनकी माता का नाम दारना बोयाजू जी था, मदर टेरसा जी 5 भाई, बहन थे ।इनके पिता जी का देहांत मदर टेरेसा जी जब छोटी थी उसी वक़्त हो गया जिसके वजह से इनका पालन पोषण इनकी माँ ने की | इनको कई देशो की नागरिकता प्राप्त थी -भारत ,सर्बियाई,उस्मानी,युगोस्लाविया |

आचार्य बालकृष्ण

मदर टेरेसा जी 1929 में भारत आई यहाँ के गरीबों,दुखियों ,पीडितो को देख कर यहाँ से वापस जाने का मन उन्हों ने बदल लिया और फिर ,यहाँ से इन्होने 1949 में भारत की नागरिकता ग्रहण कर ली इस के बाद 1950 में इन्होने कोलकाता का रुख ले लिया यहाँ आने के बाद इन्होने यहाँ ”मिशन ऑफ़ चैरिटी” स्थापना की इस के अन्तेर्ग्त गरीबो , भूखों, असहियोगियो ,दिन -दुखियों के मदद करने का कार्य किया जाता है | आज भी ये संस्था दुनिया के 123 देशो में 4500 सिस्टरों के द्वारा सेवा जारी रखा गया है |

मदर टेरेसा जी ने कभी अपने जीवन में किसी व्यक्ति से घृणा नहीं करती थी उन्हें असहियोगियो की मदद करना बेहद पसंद था ,उन्होंने अपने जीवन में बिमार लोगो को मलहम पट्टी,इल्लाज किया करती थी |

मदर टेरेसा जी मीठी बोली की थी इनके अनमोल बचन पुरे दुनिया में लोगो को प्रोत्साहित करता है आईये उनके कुछ अनमोल बचन को सुनते है -(1) यदि मुझ पर कुछ लिखना ही है तो सर्फ मेरे कार्यो पर लिखो ताकि लोगो को प्रेरणा मिले |(2)जहा जाईये प्यार फैलाइय जो भी आप के पास आये वह खुश होकर लोटे |

मदर टेरेसा अपने जीवन में टीचर भी रही ये बहुत ही अनुशासित शिक्षक थी फिर भीं स्टूडेंट्स उनसे बेहद प्यार करते थे वे अपने जीवन में 1944 में सेंट मैरी स्कूल की प्रधानाचार्य भी रही |

1979 में शांति और सदभावना के क्षेत्र में उन्हें अहमयोगदान देते हुए नोबेल परुस्कार से सम्मानित किया गया था |1980 में उन्हें भारत रत्न से भी नवाजा गया था | इन सभी के अलावा इन्हें कलकाता रोमन कैथोलिक चर्च ने इनको संत टेरेसा के नाम से नवाजा |

मदर टेरेसा जी का देहांत 5 सितम्बर 1947 में हार्टअटेक के वजा से हुआ था |

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