हिन्दुओ के त्योंहारो में से एक श्री कृष्ण के जन्म अबसर पर मनाये जाने वाला महत्वपूर्ण त्यौहार जन्माष्टमी है ,जिसे देश के हर जगह अलग -अलग तरीकों से मनाया जाता है |
पौराणिक कथाओ के अनुसार भगवान विष्णु के सबसे शक्तिशाली मानव अवतारो में से एक श्री कृष्ण थे जिन्होंने मानव अवतार में श्रिष्टी की रक्षा की |हर साल जन्माष्टमी अगस्त या सितम्बर महीने में मनाया जाता है |
इस साल जन्माष्टमी दो दिन मनाया जायगा, 23 और 24 अगस्त किसी भी एक दिन हम जन्माष्टमी मना सकते है |पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान का जन्म भाद्रपद मतबल भादो मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र को हुआ था| जबकि इस बार 23 अगस्त को अष्टमी तिथि है एबं 24 अगस्त को रोहिणी नक्षत्र है| इस वजह से दोनों दिन जन्माष्टमी के लिया शुभ माना जयगा |
जन्माष्टमी का खास आयोजन ,सजावट और भगती – भाव तो मथुरा और वृंदावन में देखते ही बनता है, क्योंकी श्री कृष्ण का बचपन यही बिता जिसके वजह से यहाँ के लोगो के लिए यह त्यौहार बहुत महत्वपूर्ण होता है , यहाँ इस बार जन्माष्टमी 23 अगस्त को ही मनाया जायगा |
पूजा विधि – सुबह नाहा -धोआ कर व्रत रखते है ,रात के 12 बजे पूजा की जाती है क्योंकी श्री कृष्ण जी का जन्म आधी रात को हुआ था ,अगले दिन सुबह रोहिणी नक्षत्र और अष्टमी तिथि खत्म होने के बाद व्रत का पारण किया जाता है और इसी के साथ पर्व की समाप्ति हो जाती है |
मामा कंश – कंश अपनी बहन देवकी से बेहद प्यार करते थे, पर एक दिन हुए आकाशवाणी में उन्होंने सुना “जिसे तू चाहता है ,उस देवकी का आठवां बालक तुझे मार डालेगा ” इस बात को सुनने के बाद कंश ने देवकी और उसके पति वसुदेव को जेल में डाल दिया| उनके जितने भी बच्चे होते सभी को मार डालता था |एक – एक कर 7 बेटो को जन्म लेते ही मार डाला ,उनका आठवां बेटा श्री कृष्ण के जन्म लेते ही सारे दरवारी सेना सो गए , सारे दरवाजे खुल गए इसी बिच बसुदेव, कृष्ण को नन्द के घर मथुरा छोर आए |
जरासंघ – कंश के ससुर थे जरासंध कंश के मरने के बाद अगर किसी ने श्री कृष्ण को सबसे ज्यदा परेशान किया तो वह था जरासंघ ये ब्रेह्देथ राजा के पुत्र थे |श्री कृष्ण ने इसे मारने के लिए योजना बनाई और उनके साथ भेष बदल कर कुश्ती की अतं हरा कर मार डाला |